कर्ज के बोझ में दबा है देश का 50 पर्सेंट किसान परिवार, प्रत्येक ने ले रखा है औसतन 74,121 रुपये का लोन
Agricultural Families Debt: NSO के एक सर्वे के मुताबिक 2019 में देश के 50 फीसदी कृषि परिवारों पर औसतन 74 हजार रुपये का कर्ज था.
Agricultural Families Debt: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा किए गए एक सर्वे में कहा गया है कि 2019 में देश में 50 प्रतिशत से अधिक कृषि परिवार कर्ज में डूबे थे, जिन प्रति परिवार औसत बकाया कर्ज 74,121 रुपये था.
बैंकों से लिया है इतने लोगों ने कर्ज
सर्वे में आगे बताया गया है कि बकाया लोन में से केवल 69.6 प्रतिशत कर्ज बैंकों, सहकारी समितियों और सरकारी एजेंसियों जैसे संस्थागत स्रोतों से लिए गए थे, जबकि 20.5 प्रतिशत ऋण पेशेवर साहूकारों से लिया गया था.
सर्वे के मुताबिक कुल लिए गए कर्ज में से केवल 57.5 फीसदी कर्ज ही कृषि उद्देश्यों के लिए लिया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में कर्ज में डूबे परिवार का प्रतिशत 50.2 फीसदी था और प्रत्येक कृषि परिवार पर औसतन 74,121 रुपये था.
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NSO ने 2019 में किया था सर्वे
NSO ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में घरों की जमीन और पशुधन होल्डिंग्स और कृषि परिवारों की स्थिति जानने के लिए एक सर्वे किया था.
सर्वे में आगे कहा गया है कि एग्रीकल्चर ईयर 2018-19 के दौरान प्रत्येक कृषि परिवारों की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी. इसमें से प्रति परिवार की औसत आय मजदूरी से 4,063 रुपये, फसल उत्पादन से 3,798 रुपये, पशुपालन से 1,582 रुपये, गैर कृषि व्यवसाय से 641 रुपये और पट्टे की जमीन से 134 रुपये थी.
ये है आंकड़े
देश में कृषि परिवारों की कुल संख्या 9.3 करोड़ थी, जिसमें ओबीसी 45.8 फीसदी, एससी 15.9 फीसदी एसटी 14.2 फीसदी और अन्य 24.1 फीसदी थे. इनमें से 7.93 करोड़ कृषि परिवार ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. सर्वे से यह भी पता चला कि 83.5 फीसदी ग्रामीण परिवारों के पास 1 हेक्टेयर से भी कम खेती की जमीन है, जबकि केवल 0.2 फीसदी परिवारों के पास ही 10 हेक्टेयर से अधिक की जमीन है.
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि ग्रामीण भारत में 17.8 प्रतिशत परिवार (21.2 प्रतिशत कृषक परिवार, 13.5 प्रतिशत गैर-कृषक परिवार) केवल संस्थागत ऋण एजेंसियों से कर्ज लेते थे.
08:00 AM IST